डेंगू मलेरिया के बुखार से बचने के लिए पिए ये आयुर्वेदिक काढ़ा – बीमारी कभी छू भी ना पाए

डेंगू मलेरिया बुखार से बचने के लिए घर पर ही दवा बनाएं

बीमारियों का सीजन लगभग शुरू हो चुका है। इस मौसम में बच्चे, बूढ़े, जवान सब सर्दी जुखाम बुखार से परेशान होते हैं। इसके पीछे का जो मेन रीजन होता है, वह है इम्यूनिटी की कमी। यदि हमारी इम्यूनिटी अच्छी होगी, तो हमें सर्दी जुखाम, डेंगू, मलेरिया, कोरोनावायरस जैसी बीमारी बिल्कुल छू नहीं सकती।
बीमार होने का सबसे मेन रीजन यह होता है कि हम अपनी पुरानी आयुर्वेदिक घरेलू उपचार को बिल्कुल भूल चुके हैं। यदि हम अपने किचन में यूज होने वाले बेसिक मसाले के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी रखें, तो हम अपने घर के मसालों से ही बहुत ही फायदेमंद औषधियां बना सकते हैं।
आज हम इस वीडियो में कुछ इनग्रेडिएंट्स के बारे में बात करेंगे जो कि सर्दी जुखाम में आपकी मददगार हो सकती हैं। यह औषधियां हमारे इम्यूनिटी को स्ट्रांग करती हैं, और हम को बीमारियों से लड़ने की ताकत देती हैं, जिससे हम लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं, और बार-बार बीमार नहीं पड़ते हैं।
तो आप भी एक बार इन सभी मसालों का यूज़ आगे वीडियो में बताए गए तरीके से करिएगा, आपको बहुत ही फायदा होगा। यदि आपको हमारी वीडियो अच्छी लगती हैं तो प्लीज सब्सक्राइब जरूर से कर लीजिए, इसी से थोड़ी सी हम लोगों को हेल्प हो जाती है।
चलिए फिर बनाना शुरू करते हैं और सर्दी खांसी के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा की बहुत ही सिंपल सी रेसिपी
आपको बाहर से कोई भी सामग्री नहीं लानी है। ज्यादातर मसाले घर पर ही उपलब्ध हो जाते हैं।
सबसे पहले हम एक कप पानी लेते हैं। पानी में हम बेसिक मसाले डाल कर उबाल लेते हैं।
यहां पर हम काला को थोड़ा सा टेस्टी करने के लिए गुड़ का प्रयोग कर रहे हैं।

गुड़ से होने वाले लाभ
गुड अपने आप में ही एक आयुर्वेदिक दवा है। गुड में आयरन बहुत ज्यादा मिलता है। यह शरीर को एनर्जी भी देता है। साथ में इसके अलावा यह पेट की समस्याओं को भी ठीक करता है। यदि रात को हम गुड़ खाते हैं, तो हमारी इम्यूनिटी काफी अच्छी हो जाती है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। तो आप भी नियमित रूप से गुड़ का प्रयोग करें।
इसके बाद हम बात करें गुड़ की अन्य आयुर्वेदिक विषयों पर तो सबसे ज्यादा यह हमारे स्मरण शक्ति को ठीक करता है।
पुरानी एक कहावत भी है गुड़ हमारे शरीर के सब अवगुण दूर करता है, तो हमको गुड़ का सेवन जरूर से करना चाहिए। इसमें बहुत ही फायदेमंद एसिड होते हैं, जिससे पाचन की क्षमता हमारी बढ़ जाती है, और हमको बीमारियों से लड़ने में काफी मदद हो जाती है।

लौंग के औषधीय गुण और फायदे नुकसान
दूसरे सबसे महत्वपूर्ण औषधि की बात करें तो वह है लौंग। लॉन्ग का पाउडर बहुत सारी बीमारियों में और दवाओं में यूज किया जाता है। लोंग खाने से हमको बुखार में भी काफी राहत होती, क्योंकि यह अपने आप में थोड़ा सा गर्म तासीर का होता है। लौंग से पेट की गैस, प्यास लगने की समस्या, हिचकी की बीमारी, सांस की बीमारी में बहुत ज्यादा फायदा होता है।
इसके अलावा दातों में भी यह बहुत ज्यादा फायदा करता है। लौंग के सेवन से खांसी में बहुत ज्यादा आराम मिलता है। लौंग का प्रयोग सर्दी जुकाम खांसी में जरूर से करते हैं। यदि आप लौंग खाते हैं तो आपको और कोई भी दवा की जरूरत नहीं है। बुखार में यदि कमजोरी लगती है तो बिल्कुल लौंग का प्रयोग करिए।

हल्दी लौंग के औषधीय गुण और फायदे नुकसान
अगर बात करें हल्दी की भारत में ऐसा शायद ही कोई प्राणी होगा जो कि हल्दी के औषधीय गुणों से परिचित नहीं होगा। हल्दी हम खाने में , दूध में साथ, चोट लग जाने पे भी प्रयोग करते है।
यह जड़ी बूटी है जो कि मसालों में प्रयोग की जाती है। इसमें करक्यूमिन नाम का एक तत्व होता है जो इसे बहुत ज्यादा लाभदायक बनाता है। हल्दी की तासीर गर्म होने से यह जुखाम में बहुत ज्यादा फायदा करता है।
इसके अलावा यदि आप हल्दी के धुए को रात के समय सूंघते हैं तो भी आपकी जुखाम जल्दी ठीक हो जाती है। हल्दी को सूंघते के बाद आप को पानी नहीं पीना चाहिए तुरंत।
हल्दी बहुत ज्यादा इम्युनिटी बढ़ाने में मदत करती है। हल्दी वात, कफ, दोष को कम करने वाला होता है, और यह पायरिया में भी काफी मदद करता है, इसलिए दांतो के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
सूखी खांसी में तो हल्दीर एकदम रामबाण इलाज है तो आपको हल्दी का भी सेवन जरूर से करना चाहिए।

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अब यदि बात करें सूट या फिर अदरक अदरक को सुखाकर की ही सूट बनाया जाता है सूट का पाउडर हम घरों पर बनाकर रखते हैं या मार्केट में रेडीमेड भी मिलता है सूट के पाउडर का प्रयोग करने से सर्दी जुखाम और ठंड लगने कम हो जाता है यह पिता की परेशानी को दूर करता है शॉर्ट से वजन भी कम होता है इसलिए इसका प्रयोग आप डाइटिंग में भी कर सकते हैं और सबसे ज्यादा यह मिट्टी के लिए फायदेमंद होता है सूट का प्रयोग यदि शहद के साथ किया जाए तो आपको खांसी में काफी आराम मिलता है इसमें एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं यदि आपको कई बार सर्दी जुखाम होता है तो आप सूट जरा सा डालकर या फिर अदरक की चाय कई बार अपने आपको काफी आराम मिलेगा यदि आपको सपोर्ट नहीं है तो आप घरेलू अदरक का भी प्रयोग कर सकते हैं सर थोड़ा सा स्ट्रांग फेवर में होती है और अदरक थोड़ा सा कम स्ट्रांग होती है यही दोनों में अंतर है
अगर बात करें तुलसी के औषधीय गुणों की तुलसी की तो हम लोग पूजा ही करते हैं लेकिन यदि तुलसी के औषधि घोड़ों की बात करें यह अपने आप में एक आयुर्वेद में सबसे ज्यादा यूज़ किया जाने वाला औषधि तुलसी का बीज आपको और सभी मौसम में उपलब्ध नहीं होता लेकिन यह ज्यादातर गर्मियों के मौसम में मिलता है दया को मिले तो आप उसको रख लीजिए और तुलसी का बीज या फिर तुलसी का फूल नहीं मिलता है तो आप तुलसी के पत्तों का भी प्रयोग कर सकते हैं इससे बहुत सारी दवाएं बनाई जाती हैं और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है इसमें प्ले वह नाईट प्ले फ्लेवोनॉयड रोहित नाम का एक तत्व होता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है फेनोलिक अभी तुलसी में पाया जाता है जिससे हमारी बढ़ती है तुलसी का प्रयोग जरूर से करी साथ में तुलसी से हमारे कड़ा या फिर दूध का टेस्ट भी बढ़ जाता है इसलिए तू तो जरूर से प्रयोग करना चाहिए
काली मिर्च के बहुत सारे अपने औषधीय अल्लाह हैं यह खांसी सूखी खांसी मैं बहुत ज्यादा लाभदायक होती है इसकी तासीर गर्म होती है दो प्रकार की काली मिर्च पाई जाती है एक सफेद एक काली मिर्च तो आप सभी का प्रयोग कर सकते हैं यदि आपको काली ना मिले तो वैसे सामान्यतः दवाओं में काली मिर्च का प्रयोग किया जाता है खांसी जुकाम में तो काली मिर्च रामबाण होता है 2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध और मिश्री से पी लेने से आपको काली मिर्च और सर्दी जुखाम में काफी लाभ होता है 50 ग्राम दही में 15 से 20 ग्राम गुड़ और 1 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिला लीजिए इससे इसको तीन से चार बार प्रयोग करिए आपको जुकाम में काफी लाभ होगा काली मिर्च का भी प्रयोग हमने यहां पर जान लिया है

अब रानी एमिटी बूस्टर कड़ा इम्यूनिटी बूस्टर कड़ा बनाने के लिए सबसे पहले हम एक कप पानी को गर्म करेंगे कैसे खड़ा बनाएं इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए सबसे पहले हम एक कप आरो का पानी लेंगे और उसमें दो चम्मच गुण 506 लॉन्ग दस्ताना काली मिर्च एक चौथाई चम्मच हल्दी एक चौथाई चम्मच सूट एक चौथाई चम्मच तुलसी के बीज डालकर स्कोर उबाल लेते हैं 5 से 10 मिनट तक पकाने पर जब मेल्ट हो जाए तब हम गैस बंद कर देते हैं और इसको छानकर गरम ही पीते हैं इससे हमें बहुत ज्यादा सर्दी जुखाम यदि हुई है तो उसमें आराम मिलता है आप भी इसका सेवन जरूर से करिए और कोशिश करिए इसको गर्मी पीजिए और यदि आपको सर्दी ज्यादा है तो जब यह काला बन रहे तो उसी समय उसकी भाषा का प्रयोग जरूर से करिए उससे आपकी बंद हुई नाक तुरंत खुल जाएगी यह एक दादी मां का नुस्खा है इसको आप अपने दोस्तों के साथ जरूर से शेयर करिए और इस रेसिपी की पूरी वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल कुकिंग एग्जाम देख सकते हैं इसी तरह की और बहुत सारी रेसिपी इसके लिए आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर से कर लीजिए इससे आपको लेटेस्ट अपडेट सबसे पहले मिलते रहेंगे यूनिटी बूस्टर कड़ा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री हल्दी पाउडर सोंठ पाउडर काली मिर्च लौंग गुड तुलसी का बीज डेंगू मलेरिया बुखार से बचने के लिए घर पर ही दवा बनाएं

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सोंठ /अदरक के फायदे नुकसान
अब यदि बात करें सोंठ की तो सोंठ अदरक को सुखाकर की ही बनाया जाता है। सोंठ का पाउडर हम घरों पर बनाकर रखते हैं। यह मार्केट में रेडीमेड भी मिलता है। सोंठ के पाउडर का प्रयोग करने से सर्दी जुखाम और ठंड लगने कम हो जाता है। यह पित्त की परेशानी को दूर करता है। सोंठ से वजन भी कम होता है, इसलिए इसका प्रयोग आप डाइटिंग में भी कर सकते हैं।
सबसे ज्यादा यह खांसी के लिए फायदेमंद होता है।
सोंठ का प्रयोग यदि शहद के साथ किया जाए तो आपको खांसी में काफी आराम मिलता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
यदि आपको कई बार सर्दी जुखाम होता है तो आप सोंठ जरा सा डालकर या फिर अदरक की चाय कई बार पाई तो आपको काफी आराम मिलेगा।
यदि आपके पास सोंठ नहीं है तो आप घरेलू अदरक का भी प्रयोग कर सकते हैं। सोंठ थोड़ा सा स्ट्रांग फ्लेवर में होती है और अदरक से थोड़ा सा कम स्ट्रांग होती है। यही दोनों में अंतर है।

तुलसी के बीज के औषधीय गुण
अगर बात करें तुलसी के औषधीय गुणों की तुलसी की तो हम लोग पूजा करते हैं। लेकिन यदि तुलसी के औषधि गुणों की बात करें यह अपने आप में आयुर्वेद में सबसे ज्यादा यूज़ किया जाने वाला औषधि है।
तुलसी का बीज आपको और सभी मौसम में उपलब्ध नहीं होता, लेकिन यह ज्यादातर गर्मियों के मौसम में मिलता है।
तुलसी का बीज या फिर तुलसी का फूल नहीं मिलता है तो आप तुलसी के पत्तों का भी प्रयोग कर सकते हैं, इससे बहुत सारी दवाएं बनाई जाती हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
इसमें फ्लेवोनॉयड नाम का एक तत्व होता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है। फेनोलिक भी तुलसी में पाया जाता है, जिससे हमारी इम्युनिटी बढ़ती है।
तुलसी का प्रयोग से काढ़ा या फिर दूध का टेस्ट भी बढ़ जाता है इसलिए तुलसी तो जरूर से प्रयोग करना चाहिए।

काली मिर्च के औषधीय गुण
काली मिर्च के बहुत सारे अपने औषधीय गुण हैं। यह सूखी खांसी मैं बहुत ज्यादा लाभदायक होती है। इसकी तासीर गर्म होती है।
दो प्रकार की काली मिर्च पाई जाती है।
सफेद काली मिर्च का प्रयोग भी कर सकते हैं, यदि आपको काली ना मिले तो। वैसे सामान्यतः दवाओं में काली मिर्च का प्रयोग किया जाता है, खांसी जुकाम में तो काली मिर्च रामबाण होता है।
2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध और मिश्री से पी लेने से आपको काली मिर्च और सर्दी जुखाम में काफी लाभ होता है।
50 ग्राम दही में 15 से 20 ग्राम गुड़ और 1 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिला लीजिए इससे इसको तीन से चार बार प्रयोग करिए आपको जुकाम में काफी लाभ होगा।

डेंगू मलेरिया बुखार से बचने के लिए घर पर ही दवा बनाएं

Gudiya
बीमारियों का सीजन लगभग शुरू हो चुका है। इस मौसम में बच्चे, बूढ़े, जवान सब सर्दी जुखाम बुखार से परेशान होते हैं। इसके पीछे का जो मेन रीजन होता है, वह है इम्यूनिटी की कमी। यदि हमारी इम्यूनिटी अच्छी होगी, तो हमें सर्दी जुखाम, डेंगू, मलेरिया, कोरोनावायरस जैसी बीमारी बिल्कुल छू नहीं सकती। बीमार होने का सबसे मेन रीजन यह होता है कि हम अपनी पुरानी आयुर्वेदिक घरेलू उपचार को बिल्कुल भूल चुके हैं। यदि हम अपने किचन में यूज होने वाले बेसिक मसाले के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी रखें, तो हम अपने घर के मसालों से ही बहुत ही फायदेमंद औषधियां बना सकते हैं। आज हम इस वीडियो में कुछ इनग्रेडिएंट्स के बारे में बात करेंगे जो कि सर्दी जुखाम में आपकी मददगार हो सकती हैं।
5 from 1 vote
Prep Time 5 minutes
Cook Time 5 minutes
Total Time 10 minutes
Course Kadha, Medicine
Cuisine Drink
Servings 2 cup
Calories 100 kcal

Instructions
 

इम्युनिटी बूस्टर कड़ा इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने की विधि

  • सबसे पहले हम एक कप पानी को गर्म करेंगे
  • उसमें दो चम्मच गुड़, 5-6 लौंग, सोंठ ,काली मिर्च, हल्दी एक चौथाई चम्मच , तुलसी के बीज डालकर उबाल लेते हैं।
  • 5 से 10 मिनट तक पकाने पर जब गुड़ मेल्ट हो जाए तब हम गैस बंद कर देते हैं, और इसको छानकर गरम ही पीते हैं।
  • बहुत ज्यादा सर्दी जुखाम यदि हुई है तो उसमें आराम मिलता है।
  • आप भी इसका सेवन जरूर से करिए और कोशिश करिए इसको गर्म पीजिए।
  • यदि आपको सर्दी ज्यादा है तो जब यह काढ़ा बन रहे तो उसी समय उसकी भाप का प्रयोग जरूर से करिए उससे आपकी बंद हुई नाक तुरंत खुल जाएगी।
  • यह एक दादी मां का नुस्खा है,

Video

Notes

इसको आप अपने दोस्तों के साथ जरूर से शेयर करिए, और इस रेसिपी की पूरी वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल कुकिंग एग्जाम देख सकते हैं।
इसी तरह की और बहुत सारी रेसिपी इसके लिए आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर से कर लीजिए।
इससे आपको लेटेस्ट अपडेट सबसे पहले मिलते रहेंगे
Keyword Kadha, Medicine

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