100 से ज्यादा बीमारियाँ सिर्फ त्रिफला के सही अनुपात से ठीक की जा सकती हैं

त्रिफला 3 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है। यह तीन जड़ी बूटियां आयुर्वेदिक रूप से प्रमाणित हैं, जिनका सेवन कब्ज दूर करने और पेट की पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। त्रिफला में तीन मसाले यूज़ होते हैं जिन्हें आंवला बहेड़ा और हरण कहते हैं। इन तीनों का सही अनुपात में ही त्रिफला का चूर्ण बनाकर इसका सेवन किया जाता है। इसके सेवन मात्र से आपको पाचन संबंधी कभी किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपको भूख भी खूब लगेगी। उल्टी, जी मिचलाना इत्यादि बीमारियों से भी यह राहत दिलाता है।
गैस की समस्या के लिए तो यह रामबाण घरेलू उपचार है। आयुर्वेद में जितना त्रिफला के बारे में वर्णन किया गया है। उतना किसी भी औषधि के बारे में नहीं लिखा गया है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह बहुत ही कम समय में बहुत ही कम सामग्री में बन जाता है। इसे आप किसी भी सीजन में बिना किसी नुकसान के खा सकते हैं।
त्रिफला का इस्तेमाल आमतौर पर कब्ज दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन कब्ज और पाचन संबंधी बीमारियों को दूर करने के अलावा इसकी और बहुत सारे अनेक फायदे हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से इसका इस्तेमाल होता आया है। आयुर्वेद में इसे शरीर का कायाकल्प करने वाला आयुर्वेदिक रसायन माना गया है।
आंवला, हरड़, बहेड़ा इन तीनों फलों के मिश्रण को ही त्रिफला कहा जाता है। इस चूर्ण का प्रयोग आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से करनी चाहिए आप चाहे तो मार्केट में उपलब्ध त्रिफला चूर्ण का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन यदि आप इसे घर पर बनाते हैं यह काफी शुद्ध होता है और कम कीमत में बन जाता है।
आज हम आपको इसको घर पर बनाने की बहुत आसान तरीका बताएंगे जिससे आप घर पर ही इसको बना सकते हैं । चलिए फिर बनाना शुरू करते हैं त्रिफला चूर्ण।

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि -जाने सही अनुपात, खाने का तरीका

Gudiya
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Prep Time 1 minute
Cook Time 1 minute
Total Time 2 minutes
Course Medicine
Cuisine Medicine
Servings 30 gram
Calories 100 kcal

Instructions
 

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि

  • हरण को एक भाग लेंगे और उसको धूप में सुखा देंगे।
  • उसके बाद बहेड़ा लेते हैं उसको भी एक भाग लेना है और उसको भी छिलका और गुठली सहित सुखाना है।
  • उसके बाद हम आंवला लेंगे और उसका भी हम एक भाग लेंगे और उसे भी हम धूप में सुखा देंगे।
  • इन तीनों औषधियों को हम एक अनुपात एक अनुपात एक में प्रयोग करेंगे।
  • वैसे कुछ लोग इसको घर पर जब बनाते हैं तो एक अनुपात 2 अनुपात 3 के अनुपात में बनाते हैं। जिसमें तीन अनुपात आंवला होता है, 1 अनुपात हरण होता है दो अनुपात बहेड़ा होता है।
  • जब तीनों औषधियां धूप में अच्छे से सूख जाए तो उसको हम मिक्सर में पीस कर इसका बारीक पाउडर बना लेते हैं और एक छन्नी से छानकर कचरा अलग कर लेते हैं।
  • फिर इसको एयरटाइट कंटेनर में भर कर रख देते हैं और 3 से 9 ग्राम दूध अथवा गर्म पानी के साथ रात और सुबह में लेते हैं, इससे हमारी पाचन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।

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त्रिफला को सभी उम्र के लोग रसायन औषधि के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा इसके नियमित सेवन से पेट से संबंधित बीमारियों में काफी लाभ होता है।
यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर शुगर को भी नियंत्रित करती है।
आइये त्रिफला चूरन के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से समझते हैं।
आयुर्वेद में कब्ज को सबसे गंभीर रोग माना गया है कब्ज से ही और बाकी रोग पैदा होते हैं।
यदि हमारा पेट साफ रहेगा तो हमें किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होगी। यदि आप कब्ज से पीड़ित है तो आगे चलकर आपको और कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए हमको कोशिश करनी चाहिए कि हमारा पेट साफ रहे।
पुराने कब्ज से पीड़ित मरीजों के लिए भी यह त्रिफला चूर्ण बहुत ही लाभदायक है।
पुराने कब्ज के अथवा बवासीर पीड़ित मरीजों को रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी से पीना चाहिए, उससे काफी राहत होती है।
एसिडिटी में भी त्रिफला चूर्ण काफी लाभदायक होता है ,यह समस्या गलत खानपान और अनियमित रहन-सहन से पैदा होती है।
त्रिफला चूर्ण पेट फूलने और पेट में गैस बनने की समस्या को भी दूर करता है।
यह हाइपर एसिडिटी में भी काफी लाभदायक होता है। यदि आपका खाने के बाद गला जलता है तो आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण खाना खाने के बाद प्रयोग करें आपको काफी राहत मिलेगी।
आप इसको सुबह दोपहर शाम तीनों बार प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपकी आंखें कमजोर हो रही हैं ,आपको धुंधला दिखाई दे रहा है तो भी आप त्रिफला चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं।
आंखों के संबंधित कई बीमारियों में कारगर है त्रिफला।
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसका सेवन करें इससे आंखों की बीमारियों को काफी लाभदायक साबित होता है।
त्रिफला चूर्ण के पानी से त्वचा रोग में भी काफी लाभदायक होता है। खुजली भी शांत होती है।
यदि आप बढ़ते वजन मोटापे से परेशान हैं तो आपको त्रिफला चूर्ण का प्रयोग जरूर से करना चाहिए।
जब आपका पेट साफ होगा तो आपका वजन कभी भी नहीं बढ़ेगा। त्रिफला चूर्ण एक चम्मच सुबह-शाम खाएं।
त्रिफला चूर्ण मोटापे को दूर करने के लिए सबसे पहले आप एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी में भीगा कर रख दें और अगली सुबह इसको उबालकर छानकर पी लें इससे आपका मोटापा काफी कम हो जाएगा। इससे आपका मोटापा काफी कम हो जाएगा।
यदि आपके बाल झड़ते हैं तो आपके लिए त्रिफला बहुत ही रामबाण औषधि हो सकती है। आंवला तो ऐसे भी बालों की समस्याओं के लिए बहुत ही लाभदायक होता है और इसमें आंवला काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है इसलिए यह बाल झड़ने की समस्या को दूर करता है।
त्रिफला चूर्ण को लौह भस्म के साथ प्रयोग करने पर आपको बालों झड़ने की समस्या से राहत मिल सकती है।
यदि आपको भूख कम लगती है चक्कर आता है तो आज से ही त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना शुरू कर दें।
त्रिफला चूर्ण मूत्र संबंधी समस्याओं में भी काफी लाभदायक होता है यदि आपकी पेशाब रुक रुक कर आती है तो आप इसका सेवन करें आपकी पेशाब सही से आने लगेगी।
यदि पेशाब में जलन है तो भी आप इस औषधि को जरूर से प्रयोग करें।
डेंगू ,मलेरिया जैसी बीमारियों से भी लड़ने में त्रिफला चूर्ण शरीर की इम्युनिटी बढ़ाकर करता है।
अब त्रिफला के गुणों से भली बात परिचय हो चुके हैं। इसलिए आज से इसका सेवन करें।
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यदि आप त्रिफला का प्रयोग किसी गंभीर बीमारी के साथ कर रहे हैं तो आप इसका प्रयोग चिकित्सक की सलाह से ही करें।

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